शगुन देने में लोगों को हो रही सहूलियत
बस्ती में एक मुस्लिम परिवार की शादी में गूगल पे और फोन पे का क्यूआर कोड रखा गया। जिसमें लड़की के खाते को लिंक कर दिया गया। जिसके बाद शादी में आने वाले लोगों ने कोड स्कैन करके व्यवहार ट्रांसफर किया। ये मामला पुरानी बस्ती का है। यहां के निवासी हाजी पीर मोहम्मद की लड़की अफशा की शादी ताहिर से शनिवार को थी। शादी समारोह में लोगों को शगुन देने की सहूलियत के लिए क्यूआर कोड लगाया गया था।
अब पैसे खोने या चोरी होने का डर नहीं
इस मामले में परिवार के लोगों का कहना है, भारत तेजी से डिजिटल और पेपर लेस वर्क की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में हमने सोचा क्यों न हम लोग भी इसकी शुरुआत कर दें। बार-बार लोगों का व्यवहार पेपर में लिखने में दिक्कत होती है। साथ ही समय भी बर्बाद होता है। पैसे खोने या फिर चोरी होने का डर भी लगा रहता है लेकिन व्यवहार ऐसे लेने से सारी समस्याओं का हल हो गया है। बस एक बार मैसेज चेक करना पड़ेगा।
दुल्हन-दूल्हे के खाते में आता है व्यवहार।
क्यूआर कोड को लेकर शादी में आए मेहमानों का कहना है, सारी दुनिया कैशलेस हो रही है। यहां पर शादी में क्यूआर कोड लगाकर अच्छा काम किया। अब लोगों को लिफाफा खरीद कर उसमें पैसा रखने की जरूरत नहीं है। बस अपने मोबाइल को निकालना है, क्यूआर कोड को स्कैन करना है और अपना व्यवहार दुल्हन या दूल्हे के खाते में भेज देना है।
अब नए नोट लाने की टेंशन खत्म हो जाएगी
वहीं शादी में आए एक मेहमान का कहना है, अब लोगों को शादी में व्यवहार करने के लिए बार-बार एटीएम नहीं जाना पड़ेगा। उनका कहना था, शादी में पुराने नोट देना अच्छा नहीं लगता था। ऐसे में लोगों को नए नोट के लिए एटीएम जाना ही पड़ता था लेकिन जब पैसा फोन से ट्रांसफर करना होगा तो इसकी टेंशन नहीं रहेगी।
ऐसे व्यवहार देना अब आसान हो गया है
वहीं मेहमान देशान का कहना है, उनके पास व्यवहार देने के लिए कैश नहीं था। उनको पैसे निकालने का टाइम भी नहीं मिला। उन्होंने सोचा था किसी को पैसे ट्रांसफर करके वो शादी में व्यवहार कर देंगे। लेकिन जब वो यहां आए तो उनको क्यूआर कोड लगे होने की सूचना मिली। जिसके बाद उन्होंने तुरंत जाकर व्यवहार ट्रांसफर कर दिया। उन्हें ऐसा करना काफी आसान लगा। उनका कहना है, हर किसी को शादी में क्यूआर कोड लगा देना चाहिए।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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