Dec 29, 2022

विटामिन ‘ए’ की खुराक पिलाएं, बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाएं-सीएमओ





गोंडा-बच्चों में रतौंधी, कुपोषण सहित अन्य बीमारियों की रोकथाम के लिए एक महीने तक चलने वाले बाल स्वास्थ्य एवं पोषण माह का जनपद में बुधवार को शुभारंभ किया गया | मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा ने जिला महिला अस्पताल में बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाकर माह का शुभारंभ किया | इस अवसर पर उन्होंने कहा कि माह के दौरान नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए के साथ ही साथ जीवनरक्षक टीके भी लगाए जाएंगे |
उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि अभिभावक बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाने के साथ ही सम्पूर्ण टीकाकरण अवश्य करायें, जिससे बच्चा स्वस्थ और निरोगी जीवन जीने के साथ ही समाज और राष्ट्र के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सके | उन्होंने बताया कि विटामिन ए की खुराक बच्चों की आंखों के लिए लाभदायक व संक्रामक रोगों से बचाने में बेहद कारगर है ।
सीएमओ ने बताया कि विटामिन ए की कमी से बच्चे बार-बार बीमार पड़ते हैं, इससे शिशु मृत्यु दर में बढ़ोत्तरी होती है । विटामिन ए की कमी से आंखों सहित शरीर के कई अंगों पर प्रभाव पड़ता है । इसकी खुराक देने से उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है तथा त्वचा, बाल, नाखून, ग्रंथि, दांत, मसूड़ा और हड्डी को सामान्य रूप में बनाए रखने में मदद करती है ।
वहीं जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ जय गोविन्द ने बताया कि बाल स्वास्थ्य एवं पोषण माह में नौ माह से 5 साल तक के कुल 4 लाख 82 हजार बच्चों को विटामिन ए की खुराक देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है | बच्चों में रतौंधी,कुपोषण व अन्य गंभीर बीमारियों की रोकथाम कर उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाने के उद्देश्य से एक साल में दो बार विटामिन ए की खुराक पिलाई जाती है | इसके लिए हर छः माह पर बाल स्वास्थ्य एवं पोषण माह उत्सव के रूप में प्रदेश भर में मनाया जाता है | इस दौरान शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में एएनएम द्वारा आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से क्षेत्र के बच्चों को वीएचएसएनडी सत्रों पर विटामिन ए की खुराक दी जाती है | 
मौके पर उपस्थित प्रभारी सीएमएस डॉ सुवर्णा कुमार ने बताया कि बच्चे को विटामिन ए की पहली खुराक 9 माह की आयु होने पर पिलाई जाती है | इसके बाद प्रत्येक छः माह के अंतराल पर 5 वर्ष तक बूस्टर डोज दी जाती है | विटामिन ए की खुराक पीने से बच्चों में रतौंधी की बीमारी नहीं होती है तथा बच्चे के रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है |
इस अवसर पर स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ शालू महेश, जिला सहायक प्रतिरक्षण अधिकारी अरविन्द कुमार, वैक्सीन स्टोर इंचार्ज पंकज तिवारी, यूनिसेफ के मंडलीय समन्वयक संतोष राय, डीएमसी शेषनाथ सिंह, बीएमसी अश्वनी श्रीवास्तव व प्रभात श्रीवास्तव सहित अस्पताल के अन्य स्टाफ मौजूद रहे |

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