मामला सामने आने के बाद ADO का कहना है कि यह टॉयलेट बच्चों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। ताकि कई बच्चे एक साथ बैठ सकें और उनके साथ कोई अप्रिय घटना न होने पाए।
5 महीने पहले बनकर तैयार हुआ है टॉयलेट
एक साथ बिना पार्टीशन के चार टॉयलेट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अधिकारी भी सक्रिय हो गए। तुरंत बचाव की स्थिति में आते हुए ADO पंचायत शैलेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि इसमें पार्टीशन के लिए आधी-आधी दीवार लगाने का निर्देश दिया गया है। हालांकि, वह इस बात का जवाब नहीं दे सके कि जब टॉयलेट 5 महीने से तैयार है तो अभी तक पार्टीशन क्यों नहीं लगा?
शौचालय का नक्शा भी नहीं दिखा पाए।
ADO पंचायत शैलेंद्र त्रिपाठी से जब इस टॉयलेट का नक्शा मांगा गया तो टाल गए। मामले की जानकारी मिलने पर एसडीएम रूधौली आनंद श्रीनेत मौके पर पहुंचे। उन्होंने BDO से इस पर नाराजगी जताई। इस तरह का सामुदायिक टॉयलेट बनवाने के संदर्भ में उनसे शासनादेश तलब किया। सामुदायिक शौचालय को दुरुस्त करने का निर्देश दिया। यही नहीं सामुदायिक टॉयलेट को बनवाने में कितना खर्च हुआ यह भी वह नहीं बता पाए। हालांकि, अभी तक टॉयलेट यूज में नहीं है।
बताते चलें कि इससे पहले बस्ती के ही कुदरहा ब्लाॅक के गौरा धुंधा में एक ही कमरे में 2 टॉयलेट सीट लगवाने का मामला सामने आया था। संज्ञान में आने के बाद DPRO नमिता शरण ने खुद जांच की थी। मामले में DPRO ने वर्तमान सचिव पूनम श्रीवास्तव और DDO ने पूर्व सचिव नीरज कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।
अधिकारियों ने बताया था कि यह सामुदायिक शौचालय भी तीन से चार महीने पहले ही तैयार किया गया था। इसका बजट भी 10 लाख रुपए था। फिलहाल, इस मामले के संज्ञान में आने के एक हफ्ते बाद यह दूसरा मामला बस्ती से सामने आ गया है।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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