Mar 11, 2022

इस चुनाव में टूटे कई मिथ्या रिकार्ड,बदली तस्बीर

गोण्डा - 2022 के विधानसभा चुनाव में जहाँ कई तस्बीरें बदली बदली नजर आयीं तो वहीं कई भ्रामक व मिथ्या रिकार्ड भी टूटते नजर आये। अभी तक कहा जाता रहा है कि उत्तर प्रदेश का जो मुख्यमंत्री नोयडा गया वह चुनाव में असफल हुआ और दुबारा पदासीन नहीं हो पाया। तो इस चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस भ्रामक कहावत को नकारते हुये इस पर विराम लगा दिया और यह बात मिथ्या सावित हुई। तो वहीं करनैलगंज विधानसभा में भी वर्षो से चली आ रही सामन्तशाही का रिकॉर्ड टूटा और एक किसान परिवार का प्रत्याशी विधायक बना। लम्बे अरसे से करनैलगंज में आमजन में यह विशेष चर्चा सुनने को मिल रही थी कि यहाँ चुनाव केवल दो ही घरानों के मध्य सीमित रहता है और रहेगा भी। अब तक काफी दिनों से दिखा भी यही। यहाँ सपा से वासुदेव मिश्रा व आपदा हरण सिंह,भाजपा से के के शुक्ला व कांग्रेस से रामा मिश्रा सहित अन्य दिग्गजों ने कोशिश की किस्मत आजमाई लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात रहा। वैसे तो सामान्य व किसान परिवार में जन्में रघुराज सिंह,भगेलू सिंह जैसे लोगों को इस क्षेत्र की जनता ने सर आंखों बिठाकर करनैलगंज का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया है,लेकिन वर्ष 1977 में  जीते किसान परिवार के त्रिवेनी सिंह के बाद भँभुवा के ठाकुर उमेश्वर प्रताप सिंह ने 1980 के चुनाव में यह सीट हासिल किया तब से अब तक यह सीट दो ही घरानों में केंद्रित रही। लेकिन इस बार क्षेत्र की जनता ने इस मिथ्या रिकार्ड को तोड़ दिया। यहाँ विगत विधानसभा चुनाव में जितना मत तीसरे नम्बर पर रहे बसपा प्रत्याशी सन्तोष तिवारी को मिला था उससे ज्यादा मतों के अंतर से जीत दर्ज कराकर भाजपा प्रत्याशी अजय सिंह "परसपुर" ने जहां एक ओर एक नया रिकार्ड कायम कर दिया वहीं क्षेत्र में वर्षो से कायम परम्परा व भ्रामक तथ्यों पर विराम लगा दिया है। इस चुनाव ने यह भी सावित कर दिया कि यदि किसी के पास कोई ताकत है तो वह केवल बस केवल जनता के पास,बाकी सब निर्बल हैं।

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